ये सपना है,
हक़ीक़त नहीं
अभी चूटी भरी
तो लपक के उठोगे
मास्क के पीछे छुपे
तुम्हारे दांत चमकेंगे
और तुम लिपट कर
मेरी बाहों में टपकोगे
बहुत याद आता है
बच्चो से भरा आँगन
बेफिक्र तुम कैसे खेला करते थे
कैसे दोस्तों से घुलते मिलते थे
एक खेल ये भी है
थोड़ा पेचीदा है
इसमें छूने पर मनाही है
सिनेमा है , और तुम हो हीरो
अंत में तुम्हारी ही वाह वाही है।
हक़ीक़त नहीं
अभी चूटी भरी
तो लपक के उठोगे
मास्क के पीछे छुपे
तुम्हारे दांत चमकेंगे
और तुम लिपट कर
मेरी बाहों में टपकोगे
बहुत याद आता है
बच्चो से भरा आँगन
बेफिक्र तुम कैसे खेला करते थे
कैसे दोस्तों से घुलते मिलते थे
एक खेल ये भी है
थोड़ा पेचीदा है
इसमें छूने पर मनाही है
सिनेमा है , और तुम हो हीरो
अंत में तुम्हारी ही वाह वाही है।