Monday, July 26, 2010

कुछ हैरान नहीं करता

काफी वक़्त हुआ,
कुछ हैरान नहीं करता.
हर ख़याल रुक जाता है खाल पर ही,
रूह को कुछ परेशान नहीं करता.

महंगी ज़िन्दगी खरीद ली,
पर रोज़ पुराने कपड़ो में,
कुछ पुराना महसूस करने की कोशिश.
किसी खड्डे वाली सड़क पे,
बेतरतीब,
स्कूटर से गिरने की ख्वाइश.
तब तक दौड़ जब तक,
दर्द बेजान नहीं करता.

काफी वक़्त हुआ,
कुछ हैरान नहीं करता.

2 comments:

Ancient Mariner said...

I liked

महंगी ज़िन्दगी खरीद ली,
पर रोज़ पुराने कपड़ो में,

hero wero zero said...

Bahut Khoob.